क्या Donald Trump की New Tariff नीति से भारतीय इकॉनमी और कंपनियों को खतरा है?

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Category: Global Trade | Indian Economy | Stock Market

Donald Trump का नया बयान: भारत पर 25% टैरिफ की धमकी

Donald Trump, जो भारत को एक दोस्ताना देश मानते रहे हैं, ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म Truth Social पर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत पर 25% टैरिफ लगाएगा, खासकर अगर भारत रूस से तेल और डिफेंस प्रोडक्ट्स खरीदता है।

यह कदम दोस्ती के रिश्तों पर सवाल उठाता है। भारत ने ट्रंप का पांच साल पहले गर्मजोशी से स्वागत किया था — क्या ट्रंप अब उस दोस्ताना रिश्ते को भूल चुके हैं?

भारत पर 25% टैरिफ का मतलब क्या है?

ट्रंप की टैक्टिक्स:

  • पहले धमकी, फिर नेगोशिएशन।
  • यूके, जापान, इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ ट्रंप ने पहले ऊंचा टैरिफ ऐलान किया और फिर बातचीत के बाद उसे घटा दिया।
  • इसलिए 15% से 18% के बीच फाइनल टैरिफ की उम्मीद है।

भारत-अमेरिका व्यापार में असंतुलन

  • 2024 में द्विपक्षीय व्यापार: $129 बिलियन
    • भारत का एक्सपोर्ट: $87 बिलियन
    • अमेरिका का एक्सपोर्ट: $42 बिलियन
  • अमेरिका को यह ट्रेड डेफिसिट पसंद नहीं आ रहा।

लेकिन यहां एक ज़रूरी बात है — अमेरिका भारत से 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाता है सर्विस सेक्टर के ज़रिए, जिसे वह ट्रेड में काउंट नहीं करता।

उदाहरण:

  • YouTube, Apple, Nike आदि कंपनियों की रॉयल्टी
  • डिजिटल सर्विसेस
  • एजुकेशन, फाइनेंशियल सेवाएं

अगर इन्हें शामिल किया जाए, तो अमेरिका को ट्रेड सरप्लस होता है।

Vijay Kedia Tweet on India Tariff:

किन भारतीय कंपनियों और सेक्टर्स पर होगा सीधा असर?

1. Electronics & Electrical Exports (Worth $12 Billion)

  • Dixon Technologies – 9% रेवेन्यू USA से (Google Pixel भी एक्सपोर्ट करते हैं)
  • Sundaram Clayton – Significant exposure
  • Sona BLW Precision Forgings – 40% रेवेन्यू USA से
  • Ramkrishna Forgings – 27% रेवेन्यू USA से
  • Bharat Forge (B-FORGE) – 35–38%
  • Tata Motors – 23% USA exposure via JLR

2. Gems & Jewellery Exports ($9.15 Billion)

  • Rajesh Exports
  • Vaibhav Global
  • Titan
  • Kalyan Jewellers (Limited exposure)

अगर टैरिफ जारी रहे, तो क्या असर होगा?

  • जिन कंपनियों की 50%+ डिपेंडेंसी USA पर है, वे लॉन्ग टर्म में गंभीर रूप से प्रभावित होंगी।
  • लेकिन भारत का घरेलू मार्केट इतना बड़ा है कि आत्मनिर्भरता से ग्रोथ बनी रह सकती है।
  • उदाहरण: सोलर सेक्टर की भारी डिमांड – कई कंपनियां अभी भी पूरी सप्लाई नहीं कर पा रही हैं।

मार्केट पर असर: डरने की जरूरत नहीं

  • स्टॉक मार्केट में 1–2 दिन का वोलैटिलिटी हो सकता है।
  • लेकिन लॉन्ग टर्म में यह नॉर्मल हो जाएगा।
  • भारत के पास नेगोशिएशन पावर है क्योंकि भारत को इस डील की उतनी जरूरत नहीं जितनी अमेरिका को।

नेगोशिएशन वही जीतता है जिसे इसकी कम ज़रूरत होती है।”

निवेशकों के लिए जरूरी सलाह:

  • जिन कंपनियों में USA exposure ज़्यादा है, उनकी एनालिसिस करते समय यह फैक्टर ज़रूर चेक करें।
  • लॉन्ग टर्म में टैरिफ बना रहता है, तो डाइवर्सिफिकेशन ज़रूरी होगा।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान से भारत-अमेरिका रिश्तों में थोड़ी तल्खी ज़रूर आई है, लेकिन यह अंत नहीं है।
भारत के पास ताकत है, डाटा है, और आत्मनिर्भरता का रोडमैप है। इसलिए घबराने की नहीं, सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है।

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