SSC EXAM 2025: Neetu Ma’am ने SSC Protest की सुना दी पूरा सच।

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Neetu Singh SSC Protest

SSC और TCS से जुड़ी पुरानी समस्याएं

Neetu Singh ने बताया की, सबसे पहले मैं बता दूं कि एसएससी जो कंडक्ट करती थी एग्जाम वह टीसीएस के थ्रू करती थी। हमारे तीन चार ग्रीव्स थे टीसीएस से रिलेटेड।

  • एक तो सबसे पहले उनके लेवल ऑफ एग्जाम्स जो होते थे 10th लेवल का, 12th और Graduation लेवल। उनके लेवल ऑफ क्वेश्चन सब सेम होते थे।
  • दूसरी बात है वो करीबन 10-10 क्वेश्चन गलत दे रही थी और उसके बाद जब उसके रिप्रेजेंटेशन करना होता था तो ₹100 पर क्वेश्चन लेके करोड़ों रुपए इसमें भी छापती थी।
  • उसके बाद मार्क्स टू ऑल देखकर सबको खुश कर देती थी।

और इससे क्या होता था? जो एलिजिबल अच्छे कैंडिडेट्स होते थे वो आउट हो जाते थे। क्योंकि मार्क्स टू ऑल का मतलब है सब एक ही लेवल पे आ गए।

हमारी दो-तीन लड़ाईयां थी। हम वेटिंग लिस्ट के लिए लड़ रहे थे। और ये सब छोटे-मोटे जो प्रॉब्लम्स थे हम चाहते थे इनमें सुधार हो।

नई वेंडर Eduquity और नए संकट

लेकिन अचानक पता चला कि एक दूसरी वेंडर आ गई है जिसका नाम है Eduquity अभी सिर्फ सिलेक्शन फेस का एग्जाम हुआ है। जिसमें सिलेक्शन फेज अगर 13 की बात की जाए तो बहुत कम बच्चे हैं जो इसके तहत एग्जाम देते हैं।

अब इसमें इतनी बड़ी प्रॉब्लम हुई है कि बच्चों को जो सेंटर्स हैं वहां पे फैन तक उपलब्ध नहीं है। उनका माउस नहीं चल रहा है। उनका सर्विस स्लो है। वो एक खेतों में जाके सेंटर्स है जहां तक पहुंचना भी बहुत मुश्किल है।

SSC और DOPT से बातचीत

इससे रिलेटेड बहुत बार हम लोग एसएससी चीफ से मिल चुके हैं। अल्टीमेटली उन्होंने हाथ खड़ी कर दी कि जो हमारे से हो सकता है हमने बता दिया आपको। अब इसके आगे आप जाके DOPT में बात करिए। सारा उन्हीं की जिम्मेदारी है।

चलिए डीओपीटी में भी कुछ ऐसे स्टाफ थे जिनसे बातें मुलाकातें हो गई लेकिन हमारा था कि डीओपीटी मिनिस्टर अगर 5 मिनट की टाइम हमें दे दे तो हम इस सारे मुद्दों को बहुत अच्छे से प्रेजेंट कर सकते हैं। सिर्फ 5 मिनट में।

इसके लिए अभिनय सर ने पूरे कंप्लीट देश के शिक्षकों का आह्वान किया कि आइए बैठ के डिस्कस करते हैं और हम लोग सिर्फ चार लोग जाके डीओपीटी मिनिस्टर से मिलेंगे।

संसद मार्ग पर पुलिसिया दमन

कल करीबन 30 से 40 लोग होंगे जो हम लोग आगे बढ़े और हमने वहां पे जब एसएओ ने हमें रोका वहां पे पार्लियामेंट स्ट्रीट में तो हमने कहा सिर्फ हम में से चार नाम ले लीजिए और हमारे मुलाकात करवा दीजिए। बाकी सारे टीचर्स पीछे रह जाएंगे।

लेकिन उन्होंने कहा कि फिर ठीक है आपके चार नाम ले हम आगे बढ़ाते हैं। आप लोग रुकिए और ये करके उन्होंने फिर बहुत ही अपशब्द का इस्तेमाल किया जो उन्होंने सीधा कह दिया कि अगर आप मर्द होते तो आप यह वर्दी पहने होते। यह उन्होंने हमारे एक शिक्षक को कहा। जबकि वो शिक्षक ऑलरेडी वर्दी पहन के उतार चुके हैं और अब शिक्षा जगत में हैं।

फिर उन्होंने तुरंत ही थोड़ी देर में पूरी गाड़ी पुलिस की आ गई और आते साथ उन्होंने जैसे हमारे बगल में जो टीचर खड़े थे उनको उन्होंने बहुत तेज चांटे मारे।

प्लस उन्होंने सब सर हम लोग बहुत सारे लोग थे जो हमारे बगल में एक टीचर थे। मैं नाम इसलिए नहीं लेना चाहती हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती हूं कि कोई इंसल्ट हो। इस तरह से क्योंकि उन्होंने उनको बहुत खराब से चांटे मारे और गाल पे चांटे मारे। बहुत ही सम्मानीय टीचर थे।

उसके बाद उन्होंने सबको धकेल दिया और बुरी तरह से स्टैंपेड होता गया वहां पे। मैं लड़खड़ा गई। मैंने दीवार पकड़ के मैंने अपने आप को बचाया। मैं किनारे हटी। सब लोग भागे। लेकिन उन्होंने चारों तरफ से घेर रखा था। बिल्कुल जैसे कोई क्रिमिनल को घेर लेते हैं और उन्होंने सबको पकड़ पकड़ के बिल्कुल खदेड़ के बस में भरना शुरू किया।

हिरासत और अमानवीय व्यवहार

मुझे भी पकड़ के खदेड़ के बस में भरा गया मुझे भी और उसके बाद 4 घंटे तक इनफैक्ट दो बसें भरी गई।
एक में हम लोग करीबन 30-35 लोग थे। एक में करीबन 15 लोग होंगे और दोनों बस एक गई भवाना की तरफ। दूसरी हमें ले गई कापसेड़ा बॉर्डर की तरफ।

उसके बाद वहां से फिर घुमाते हुए नजबगढ़ घुमाने लगे। करीबन 4 घंटे के बाद हमारे कुछ टीचर्स परेशान हो गए कि भाई ना हमें पानी दिया जा रहा है ना हमें वाशरूम का इस्तेमाल करने दिया जा रहा है। आप लोग कब तक घुमाते रहोगे?

अल्टीमेटली वो लोग लेकर हमें गए हैं 4 घंटे के बाद नजबगढ़ पुलिस स्टेशन। वहां पे हमें 4 घंटे तक दरी पर बिठाया गया है विदाउट फैन के जिसके कारण हम लोग को डिहाइड्रेशन सा होने लगा।

अल्टीमेटली 8:30 बजे हमें छोड़ा गया वहां पे और वहीं पर छोड़ दिया गया। फिर हम लोग वापस करीबन 10:30 बजे घर आए हैं।

FIR और सवाल

इस बीच हमारे से ऐसे पूछताछ की जा रही थी चाहे नाम लेना हो चाहे फोन नंबर हो, आधार हो, सब कुछ लेके ताकि पूरी तरह से वो बिल्कुल सुनिश्चित कर लेना चाहते थे कि ये कौन हैं, इनकी आइडेंटिटी पूरी रिवील होनी चाहिए।

अल्टीमेटली आज दोपहर को हमारे पास एक FIR की कॉपी आई है जिसके तहत हम सभी टीचर्स पर FIR दर्ज कर लिया गया है और ये सेक्शन 223 के अंतर्गत है। BANS के अंतर्गत है।

तो हम सिर्फ यही पूछना चाहते हैं कि हम ना वहां कोई प्रोटेस्ट कर रहे थे क्योंकि हमने बच्चों को नहीं बुलाया था। कोई हंगामा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं था।
बस सिर्फ यह चाहते थे कि आपकी सोच बदले और एक फेयर तरीके से एग्जाम हो। और बच्चों को एक फेयर मौका मिले अपने आप को साबित करने का और जिस नौकरी के काबिल हो वो नौकरी उन्हें मिले।

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