स्वदेशी का संकल्प: आत्मनिर्भर भारत, हम सिर्फ वही खरीदेंगे जो…’ Trump के Tariff एलान के बाद क्या बोले PM Modi?

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Narendra Modi Reply on Trump Tariff

परिचय:
दुनिया में अस्थिरता का माहौल और भारत की ज़िम्मेदारी

PM Narendra Modi Speech: आज पूरी दुनिया एक अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका है, व्यापारिक संबंधों में खटास है और हर देश अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए सजग हो चुका है। ऐसे में भारत, जो जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है, उसके लिए भी यह समय आत्मचिंतन और आत्मनिर्भरता का है।

यह समय है जब हमें अपने आर्थिक हितों को सर्वोपरि रखना होगा। क्योंकि यही रास्ता है जिससे हमारे किसान, लघु उद्योग, नौजवान और देश का हर नागरिक समृद्ध बन सकेगा।

स्वदेशी का संकल्प: सिर्फ एक नारा नहीं, एक क्रांति है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार “वोकल फॉर लोकल” और “मेक इन इंडिया” का मंत्र दिया है। लेकिन अब यह मंत्र सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए।

हमें अब हर वह वस्तु खरीदनी चाहिए जिसमें किसी भारतीय का पसीना लगा हो, किसी भारतीय कारीगर का हुनर झलकता हो, किसी भारतीय नवप्रवर्तक की सोच हो। यही है असली स्वदेशी।

व्यापारियों और दुकानदारों की भूमिका:

देश के व्यापारी और दुकानदार सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। जब पूरी दुनिया वैश्विक अनिश्चितताओं से जूझ रही है, तब भारत का व्यापारी वर्ग अगर यह ठान ले कि हम सिर्फ स्वदेशी माल ही बेचेंगे, तो यह देश सेवा से कम नहीं होगा।

यह सिर्फ व्यवसाय नहीं रहेगा, यह भारत के आत्मनिर्भर बनने की नींव रखेगा।

देशवासियों की जिम्मेदारी:

हमें खुद से यह सवाल पूछना होगा:

  • क्या हम हर बार कोई नया सामान खरीदते समय यह देखते हैं कि वह स्वदेशी है या नहीं?
  • क्या हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं?
  • क्या हम अपने बच्चों को भारतीय उत्पादों के महत्व के बारे में बताते हैं?

यदि नहीं, तो आज से शुरुआत करें।
हर भारतीय को यह संकल्प लेना होगा कि— मेरे घर में आने वाला हर नया सामान स्वदेशी होगा।

वोकल फॉर लोकलको व्यवहार में उतारें:

  • विदेशी मोबाइल ब्रांड्स के विकल्प के रूप में Lava, Micromax जैसे भारतीय ब्रांड को चुनें।
  • चाइनीज खिलौनों की जगह भारतीय निर्माताओं से बने खिलौने लें।
  • लोकल हस्तशिल्प, खादी, हथकरघा और ग्रामोद्योग को बढ़ावा दें।
  • ऑनलाइन शॉपिंग में भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता दें।
  • सोशल मीडिया पर #VocalForLocal और #MadeInIndia जैसे हैशटैग के साथ प्रोत्साहन दें।

राजनीति से ऊपर उठकर, राष्ट्रहित की सोच:

यह जिम्मेदारी केवल प्रधानमंत्री या सरकार की नहीं है। हर राजनेता, हर दल, हर नागरिक को अपने-अपने संकोच को त्याग कर यह भाव जाग्रत करना होगा कि देश पहले, बाकी बाद में।

राजनीति, विचारधारा, भाषाई भिन्नता — सबको छोड़कर हमें एकजुट होकर सिर्फ एक दिशा में बढ़ना होगा — स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और भारत की समृद्धि।

निष्कर्ष:
स्वदेशी है राष्ट्र सेवा का सबसे बड़ा साधन

स्वदेशी अपनाना सिर्फ एक आर्थिक निर्णय नहीं है — यह सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रवादी संकल्प है। जब एक-एक भारतीय इस सोच के साथ चलेगा, तब भारत न केवल तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, बल्कि आत्मनिर्भरता की मिसाल भी पेश करेगा।

आज जब दुनिया डगमगाती दिख रही है, तब भारत को मज़बूत होना है।
और भारत को मज़बूत बनाने का सबसे सीधा रास्ता है –स्वदेशी अपनाओ, देश को आत्मनिर्भर बनाओ।

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