Gaming Banned Dream11, Fantasy Sports, Online Casinos: 2 लाख करोड़ की इंडस्ट्री ख़त्म

Source- Meta AI, Gaming Banned: Dream11, Fantasy Sports, Online Casinos – A ₹2 Lakh Crore Industry Shuts Down
आज अगस्त 2025 के अंदर हमारी इंडियन गवर्नमेंट एक कंप्लीट ब्लैंकेट बैन लेकर आ रही है उन ऑनलाइन गेमिंग एप्स के ऊपर जिसमें रियल मनी इनवॉल्वड होता है। बट ऐसा क्या हुआ था ठीक एक साल पहले अगस्त 2024 में जिसने मजबूर कर दिया हमारी सरकार को यह बैन लेकर आने के लिए मैं आपको एग्जैक्टली बताता हूं।
आत्महत्या के मामले और बढ़ती चिंताएं
नंबर ऑफ सुसाइड केसेस बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। अगस्त 2024 की बात है, एक ट्रैवल एजेंट श्रीनिवास, जो हसन (कर्नाटका) में रहता था, उसने रमी की एक एप्लीकेशन डाउनलोड की। टीवी और मोबाइल एड्स में उसने अपने फेवरेट एक्टर को देखा—जो कह रहा था “रमी खेलिए, पैसा कमाइए”। उसे लगा कि पैसा कमाना आसान है, लेकिन धीरे-धीरे वो जाल में फंस गया। उसकी सारी सेविंग खत्म हो गई, बिजनेस डूब गया। कर्ज लेकर भी लॉस रिकवर करने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर पाया। डिप्रेशन इतना बढ़ गया कि उसने अपनी 11 साल की बेटी और परिवार समेत आत्महत्या कर ली।
ये पहला केस नहीं था। बेंगलुरु में एक लैब टेक्निशियन मल्लिकार्जुन और एक ऑटो ड्राइवर कुमार स्वामी ने भी लाखों रुपये गंवाकर सुसाइड कर लिया। सोचिए, एक ऑटो ड्राइवर को 10 लाख कमाने में कितने साल लगेंगे? लेकिन इन गेम्स ने उनकी जिंदगी की मेहनत और सेविंग्स छीन ली।
The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 passed by the Parliament.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 21, 2025
The Bill takes a balanced approach – promoting what’s good, prohibiting what’s harmful for middle-class and youth.
Here’s a quick explainer 👇🧵 pic.twitter.com/q4Pthsrb2V
सरकारी रिपोर्ट्स बताती हैं कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं हुईं, जिनमें सबसे ज्यादा केस कर्नाटका और खासकर बेंगलुरु से आए। IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने खुद लोकसभा में इस पर बात की और कहा कि इस विषय पर पूरा सदन एकमत है।
ऑनलाइन गेमिंग के तीन सेगमेंट
- ई–स्पोर्ट्स – इसमें स्ट्रेटेजिक थिंकिंग, टीम कोऑर्डिनेशन और स्किल डेवलपमेंट होती है। PUBG, Tekken जैसे गेम्स इसी कैटेगरी में आते हैं।
- ऑनलाइन सोशल गेम्स – जैसे चेस, लूडो, सॉलिटेयर, सुडोकू। इनमें पैसा इनवॉल्व नहीं होता।
- ऑनलाइन मनी गेम्स – सबसे खतरनाक कैटेगरी। इसमें पैसा इनवॉल्व होता है और लोग एडिक्शन में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं।
सरकार ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रमोट करना चाहती है, लेकिन रियल मनी गेम्स को बैन करना चाहती है।
क्यों जरूरी है बैन?
- रियल मनी गेम्स फ्रॉड एल्गोरिद्म्स पर चलते हैं। जीतने का चांस बेहद कम है।
- लोगों की जिंदगीभर की बचत इन ऐप्स में खत्म हो रही है।
- परिवार टूट रहे हैं, आत्महत्याएं बढ़ रही हैं।
- एड्स और सेलिब्रिटी प्रमोशन लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
सरकार का तर्क है कि अगर लोगों का पैसा बचेगा तो वे शिक्षा, परिवार और जरूरतों पर खर्च करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
नया कानून और सज़ा
लोकसभा में Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025 इंट्रोड्यूस हो चुका है।
- कंपनी मालिक – 3 साल जेल, ₹1 करोड़ का फाइन (रिपीट ऑफेंस: 5 साल जेल, ₹2 करोड़ फाइन)।
- इन्फ्लुएंसर/प्रमोटर – 2 साल जेल, ₹50 लाख फाइन।
- पेमेंट प्रोवाइडर/बैंक – 3 साल जेल, ₹1 करोड़ फाइन।
ये गैर–जमानती अपराध (Non-Bailable Offense) होगा।
आगे क्या होगा?
- ई-स्पोर्ट्स को आधिकारिक पहचान मिलेगी।
- सोशल गेम्स को भी प्रमोट और रजिस्टर किया जाएगा।
- रियल मनी गेम्स (Dream11, Rummy Circle आदि) पर बैन लगेगा।
- इंफ्लुएंसर अब इन ऐप्स को प्रमोट नहीं कर पाएंगे।
- एक Central Online Gaming Authority बनाई जाएगी जो पूरे सेक्टर को रेगुलेट करेगी।
बहस जारी रहेगी
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और कई कंपनियां इस बैन का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि इससे जॉब्स जाएंगी और स्पॉन्सरशिप (जैसे IPL में) प्रभावित होगी। लेकिन सरकार का रुख साफ है—लोगों की जान और सेविंग्स पहले।
अब बड़ा सवाल यह है: क्या ये बैन पूरी तरह लागू होगा या कुछ कंपनियों को छूट मिलेगी?
निष्कर्ष
भारत अब चीन की तरह ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर सख्ती से बैन लगाने की राह पर है। यूके और यूएस जैसे देशों में जहां रेगुलेशन है, भारत की पर कैपिटा इनकम और सामाजिक हालात अलग हैं। इसलिए यहां बैन ज्यादा जरूरी समझा गया।
दोस्तों, अब आपकी बारी है—क्या आपको लगता है कि रियल मनी गेम्स पर बैन सही है? हां या ना? कमेंट में बताइए।