Bay of Bengal में 5 दिन तक तैरता रहा मछुआरा, फिर हुआ चमत्कारिक बचाव

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पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले में रहने वाला यह व्यक्ति कुछ दिन पहले अपने 15 साथियों के साथ हल्दिया के पास बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने गया था। तभी अचानक समुद्र का मिजाज़ बदला, तेज़ तूफ़ान आया, लहरें तेज़ हो गईं और देखते ही देखते उनका ट्रॉलर पलट गया।
समुद्र की विशाल लहरों में सब बह गए… रवींद्रनाथ भी।
लेकिन वह डरा नहीं। एक मछुआरा होने के नाते, पानी उसका दुश्मन नहीं, बल्कि दोस्त था। उसने हार नहीं मानी।
वह तैरता रहा… तैरता रहा… ऊपर बस आसमान, नीचे अथाह पानी। घंटे बीतते गए, दिन बीतते गए।
5 दिनों तक रवींद्रनाथ अकेले समुद्र में तैरते रहे, न खाने को कुछ था, न पीने को पानी, बस जीने का दृढ़ संकल्प। जब बारिश होती, तो वह खुद को ज़िंदा रखने के लिए बारिश का पानी पीते। मौत हर पल करीब थी, लेकिन उनका हौसला उससे भी ज़्यादा मज़बूत था।
पाँचवें दिन… लगभग 600 किलोमीटर दूर, बांग्लादेश के कुतुबदिया द्वीप के पास, ‘एमवी जवाद’ नाम का एक जहाज़ तैर रहा था। जहाज़ के कप्तान ने दूर समुद्र में कुछ हिलता हुआ देखा। उसने गौर से देखा… एक आदमी तैर रहा था!
कप्तान ने तुरंत एक लाइफ़ जैकेट फेंकी, लेकिन वह रवींद्रनाथ तक नहीं पहुँची। फिर भी कप्तान नहीं रुका… उसने सीमाओं, धर्म, जाति की सीमाओं को भूलकर सिर्फ़ एक चीज़ देखी — एक आदमी।
कृपया यह वीडियो देखें,जो विधायक जितेंद्र आव्हाड जी ने शेयर किया है।
रवींद्रनाथ कुछ दूरी पर फिर प्रकट हुए, और इस बार कप्तान ने जहाज़ घुमा दिया। उसने फिर से लाइफ़ जैकेट फेंकी, और इस बार रवींद्रनाथ ने उसे पकड़ लिया।
थके हुए, अधमरे, लेकिन ज़िंदा, उन्हें एक क्रेन ने ऊपर खींच लिया। जब वह जहाज़ पर चढ़ा, तो जहाज़ पर मौजूद पूरा दल खुशी से चिल्ला उठा। उन्होंने सिर्फ़ एक इंसान नहीं, बल्कि ज़िंदा इंसानियत देखी।
उस पल का वीडियो जहाज़ पर मौजूद एक नाविक ने रिकॉर्ड किया था और आज भी दर्शकों के दिलों को छू जाता है।
उस जहाज़ पर सवार सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रिया।
आपने न सिर्फ़ एक जान बचाई, बल्कि हमें याद दिलाया कि इंसानियत अभी भी ज़िंदा है।
कभी-कभी एक इंसान का दृढ़ संकल्प और दूसरे इंसान की करुणा पूरी दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकती है।
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