Anil Ambani का 25,000 करोड़ का Corporate फ्रॉड: पूरा सच, सबूत और जांच।

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SEBI की जांच में अनिल अंबानी के रिलायंस ADAG पर 25,000 करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट फ्रॉड के आरोप! जानिए कब, कैसे और क्यों हुआ ये घोटाला।
पूरा डिटेल्ड स्टोरी इस आर्टिकल में लिखा है।
परिचय
- रिलायंस ADAG का परिचय
- 2008 के बाद से गिरावट का बैकग्राउंड
- क्यों ये केस इतना बड़ा है
SEBI की रिपोर्ट में क्या खुलासा?
- 25,000 करोड़ का फ्रॉड
- 5 हिस्सों में समझाया गया मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार दिस इज इंडियास बिगेस्ट कॉर्पोरेट फ्रॉड। और फ्रॉड की अमाउंट सुनोगे तो हैरान रह जाओगे क्योंकि अमाउंट है 25,000 करोड़ की। यस, 25,000 करोड़। अब यहां पर डजंस ऑफ बैंक्स को तो लूटा ही गया। साथ ही ऐसी लिस्टेड कंपनीज़ को भी लूटा गया जिसमें सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट्स और किसी की नहीं बल्कि आपकी थी यानी रिटेल इन्वेस्टर्स की थी। और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है कि किसी ने बैंक को लूटा है या फिर लिस्टेड कंपनीज़ को डूबाया है। यह पहले भी हुआ है। लेकिन रकम कभी भी इतनी बड़ी नहीं थी। और जैसे-जैसे आप इस पूरी केस को आज समझेंगे तो आपको पता चलेगा कि शायद इन्हें किसी का डर ही नहीं था। क्योंकि यहां पर डजंस ऑफ बैंक्स और लिस्टेड कंपनी से लोन उठाए गए और उन अमाउंट्स को फिर शेल कंपनीज़ यानी ऐसी फेक कंपनी जिन्हें बस नाम के लिए बनाया जाता है। वहां पर उस लोन से मिले अमाउंट को ट्रांसफर किया गया, डायवर्ट किया गया। तो किस ग्रुप की कंपनीज़ की हम बात कर रहे हैं? तो हम बात कर रहे हैं अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनीज़ की। जिन्होंने कुछ ऐसा किया है कि पहले इस चीज में सेबी इन्वॉल्व थी जो कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर है। फिर इसमें सीबीआई इनवॉल्व हुई और अभी रिसेंटली ईडी यानी इनफोर्समेंट डायरेक्टेट भी इसमें इन्वॉल्व हुई है। और अभी 5 तारीख को उन्होंने अनिल अंबानी को समन भेजा है और उनसे लगातार 8 घंटे तक सवाल किए और यह जो पूरी इंटेरोगेशन है यह कैमरा में रिकॉर्ड भी की है। और इसी के साथ सवाल यह भी है जो सभी को जानना है कि ये पूरा मामला क्या है? कौन-कौन इसमें इन्वॉल्व हैंड है? किन बैंक्स को यहां पर लूटा गया। कौन सी कंपनीज़ को लूटा गया? और कैसे रिटेल इन्वेस्टर्स को भी यहां पर फंसाया गया। तो इन सारे सवालों के जवाब का कच्चा छेटा आज इस डिटेल वीडियो में मैं लेकर आया हूं। अब ये जो 25,000 करोड़ की अमाउंट है एक तो यह बहुत बड़ी है और साथ ही यह कोई एक केस नहीं है। यहां पर जो आरोप लगा है इन पर फ्रॉड के आरोप का वो पांच केसेस हैं। तो इन पांचों चीजों पर आज हम डिटेल में बात करेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
शेल कंपनियों का खेल
- 26 कंपनियों के नाम
- शेयर प्राइस मैनेजमेंट
देखिए जैसे कि आपको पता है कि 2002 में जब धीरूभाई अंबानी की डेथ हुई उसके बाद बड़े भाई यानी मुकेश अंबानी को Reliance Industries और Reliance Retail दिया गया। छोटी भाई अनिल अंबानी को मिला Reliance Communication, Reliance Infrastructure, Reliance Power और Reliance Capital। अब इन कंपनीज़ के अंडर भी बहुत सारी कंपनीज़ थी। जिसमें से एक थी Reliance Home Finance यानी कि RHFL और यह जो सारी कंपनीज़ हैं फिर इन्हें ही अनिल अंबानी ग्रुप कंपनीज़ कहते हैं। और यह जो फ्रॉड के आरोप है यह इन्हीं कंपनीज़ पर लगे हैं। तो चलिए बात करते हैं केस नंबर वन की जिसमें Yes Bank का भी इन्वॉल्वमेंट है। और हां Yes Bank वो बैंक है जो किसी भी फ्रॉड में पता नहीं अचानक से आगे कैसे आ जाती है। जैसे कि हमें पता है कि जब राणा कपूर Yes Bank चला रहे थे तो उन्होंने कई सारी कंपनीज़ से ब्राइब लेकर बदले में उन्हें लोन पास किए। काफी सारी कंपनीज़ लाइक DHFL जिसे 3700 करोड़ का इन्होंने लोन दिया। आयरलैंड एफएस को 2500 करोड़, जेट एयरवेज को 600 करोड़, वीडियोक ग्रुप ₹100 करोड़, एसएल ग्रुप 1800 करोड़ जिनका टोटल फ्रॉड अमाउंट निकल कर आता है ₹1000 करोड़। अब ईडी की मानें तो यह ₹1000 करोड़ की अमाउंट अब पहुंच सकती है ₹1,000 करोड़। अब रिसेंटली ईडी ने अनिल अंबानी ग्रुप से रिलेटेड जो भी जगह है और लोग हैं उनके यहां पर रेड की और रेड एक दो जगह पर नहीं। इन्होंने 35 जगह पर रेड डाली। इसमें उन्होंने 50 कंपनीज़ के डॉक्यूमेंट्स सीज़ किए। 25 इंडिविजुअल्स से पूछताछ की और इसमें शेल कंपनीज़ का पूरा वेप पकड़ा गया और इसमें उन्हें पता चला शेल कंपनीज़ का पूरा एक नेटवर्क। जिसके बाद ईडी का यह दावा है कि Reliance की ग्रुप कंपनीज़ को Yes Bank की तरफ से ₹3000 करोड़ दिए गए थे 2017 से 2019 के बीच। और ईडी का यह मानना है कि इस लोन के लिए ब्राइप दी गई थी मिस्टर राणा कपूर को। और बात सब यहीं पर खत्म नहीं होती। ईडी का यह भी शक है कि जो Reliance म्यूच्यूल फंड है उसने Yes Bank के 81 बॉन्ड्स में लगभग ₹3000 करोड़ इन्वेस्ट किए थे। और वह भी एक इसी प्लान की अरेंजमेंट थी। आपको बता दूं यह वही बॉन्ड है 81 जिसमें बहुत सारे लोगों को बहुत सारा नुकसान हुआ बाद में। तो लोन भी और इन्वेस्टमेंट भी दोनों तरीके से यह गेम खेला गया।
After so many years – suddenly so many violations in a week!? – First SBI tags Anil Ambani as 'fraud' – now comes the massive ED raid.
— The DeshBhakt 🇮🇳 (@TheDeshBhakt) July 24, 2025
Wonder what Ambani Jr. did to anger the big bosses! pic.twitter.com/e1gePqJchy
शेयर होल्डिंग पैटर्न में हेरफेर
- प्रमोटर और पब्लिक होल्डिंग की चाल
- SEBI के 2010 के नियम
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दूं कि इस तरह की कंपनीज़ में लोग क्यों फंस जाते हैं? तो उसका मेन रीज़न है विदाउट डूइंग प्रॉपर एनालिसिस। अब यह तो हो गई केस नंबर वन। अब बात करते हैं केस नंबर टू की जिसमें है इंडिया की सबसे बड़ी पब्लिक सेक्टर बैंक यानी कि एसबीआई। Yes बैंक की तरह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी सब मिलकर ₹3000 करोड़ Reliance कम्युनिकेशंस को दिए थे। और यहां तो मामला और भी संगीन है क्योंकि यहां पर एसबीआई ने ईडी का भी वेट नहीं किया। उन्होंने डायरेक्टली इस चीज को फ्रॉड कह दिया। यस, स्टेट बैंक ने ऑफिशियली अनिल अंबानी और उनकी Reliance Communication को फ्रॉड कहा है और अनिल अंबानी को फ्रॉड की लिस्ट में भी डाल दिया है। SBI का कहना है कि उन्होंने गलत तरीके से 3000 करोड़ बैंक से लिए। उन्होंने उन्होंने शेल कंपनीज़ के जरिए अपनी जो फेक कंपनीज़ हैं उनके जरिए अपनी दूसरी कंपनीज़ को ट्रांसफर किए और फिर क्या हुआ? यह पूरा लोन डिफॉल्ट किया गया। यानी कि जो 3000 करोड़ का लोन SBI ने दिया था, पूरा का पूरा उन्होंने डूबा दिया। अब बात करते हैं केस नंबर थ्री की। इस केस में Canara Bank ने Reliance Communication को 2017 में ₹1000 करोड़ का लोन दिया था। बाद में इस लोन को फ्रॉड डिक्लेअ किया गया जैसा SBI ने किया। लेकिन इसके बाद यहां पर कुछ इंटरेस्टिंग होता है।
SEBI bans Industrialist Anil Ambani, 24 other entities, including former officials of Reliance Home Finance from the securities market for 5 years for diversion of funds, imposes fine of Rs 25 cr on Anil Ambani pic.twitter.com/XYXk21pqz2
— ANI (@ANI) August 23, 2024
लोन और पेमेंट में गड़बड़ी
- कैश फ्लो और बैंक ट्रांजैक्शन
लास्ट मंथ यानी जुलाई में बैंक ने अपना यह फ्रॉड का केस वापस ले लिया क्योंकि अनिल अंबानी के लॉयर ने उन पर मानहानि का केस कर दिया था। अब बैंक का जो स्टेटमेंट है रिसेंट वो यह है कि हमें अब इस लिस्ट को रिवाइज करना पड़ेगा और देखना पड़ेगा कि क्या यह फ्रॉड का केस है कि नहीं। अब यह तो हो गई तीन बड़ी बैंक्स जिनका कुल मिलाकर टोटल अमाउंट हो जाता है ₹7,000 करोड़ का। अभी भी 25,000 करोड़ से हम काफी दूर हैं। इसके अलावा बहुत सारी बैंक्स इसमें हैं। जिनसे कुल मिलाकर 10,000 करोड़ का लोन लिया गया। पर अब इस चीज पर ईडी का जो इन्वेस्टिगेशन है वो काफी तेज हो गया है।
अनिल अंबानी का जवाब
- पब्लिक डिनायल
- “साज़िश” का आरोप
Anil Ambaniका अभी 5 तारीख को अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए और 8 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। साथ ही ईडी ने अनिल अंबानी के अगेंस्ट में एलओसी यानी लुकआउ सर्कुलर जारी किया है। जिसका मतलब बड़ा क्लियर है कि अनिल अंबानी अब कंट्री छोड़कर बाहर नहीं जा सकते और वहां Podcast देकर अपनी सफाई नहीं दे सकते। और यहां पर जो फिफ्थ और आखिरी केस है वो है Reliance Home Finance Limited की यानी कि RHFL की। यह एक लिस्टेड कंपनी है जिसकी शेयर प्राइस कुछ टाइम पहले ₹100 के ऊपर थी 2017 के आसपास जब यह पूरा फ्रॉड हुआ। इस केस के बारे में बताऊं तो इन्होंने क्या किया? यह जो होम लोन वाली कंपनी थी इन्होंने अपनी ही सेल कंपनी जो फेक कंपनीज़ उन्हें लोन बांट दिए। फिर ऐसे घुमा फिरा के अपनी दूसरी ग्रुप कंपनीज़ को पैसा डायवर्ट किया।
नतीजा और आगे क्या?
- कोर्ट केस की स्थिति
- निवेशकों के लिए चेतावनी
SEBI ने ए टू जेड यह भी बताया कि किससे किसको पैसा गया। सारी चीजें सेबी ने अपनी रिपोर्ट में डाली थी। और रिजल्ट क्या था कि इस कंपनी में लगभग ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर्स थे। ₹100 के शेयर प्राइस आज आप देखेंगे तो ₹4-5 पर आकर गिरी पड़ी है। लोगों का लगभग सारा का सारा पैसा डूब गया। और इस पूरे केस में जो अमाउंट इन्वॉल्व था, Reliance Home Finance में वो था ₹8,000 करोड़ का। सेबी ने फिर अगस्त 2024 में अनिल अंबानी पर ₹25 करोड़ का फाइन लगाया और उनको 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया। लेकिन इसमें अल्टीमेटली जो आम जनता है उनका तो नुकसान हुआ ही हुआ। फिर इस केस में सेबी ने जो पहली एक्शन ली वह थी पार्थ सारथी बिसवाल को अरेस्ट करके अभी 1 अगस्त को जो कि मैनेजिंग डायरेक्टर हैं बिसवाल ट्रेडलिंग प्राइवेट लिमिटेड के और उन पर ये आरोप है कि उन्होंने 68 करोड़ की फेक बैंक गारंटीज अरेंज की फॉर Reliance अनिल अंबानी ग्रुप कंपनीज़। अब देखते हैं इस केस में आगे क्या होता है। पूछताछ तो हो गई। अब अरेस्ट होता नहीं होता है यह ईडी जाने। पर एक बात तो क्लियर है कि जो पैसा इन्वेस्टर्स ने Reliance Housing Finance में लगाया या फिर अनिल अंबानी ग्रुप की दूसरी कंपनीज़ में लगाया जो उनका पैसा डूब गया, वह तो अभी वापस नहीं मिलने वाला। तो जिम्मेदारी अल्टीमेटली आप पे ही बनती है कि आप खुद ऐसी कंपनी से दूर रहें।
अब यहां पर एक और इंटरेस्टिंग चीज हुई है कि यह सब कारनामा जैसे शुरू हुआ तो पिछले 5 दिनों में 15% से Reliance Power के शेयर प्राइस गिर गई। अब Reliance Power का यह कहना है कि अनिल अंबानी से हमारा कोई लेना देना नहीं है।