Paytm का कमबैक: क्या सच में कंपनी प्रॉफिटेबल हुई है?

Paytm reports profit for the first time, surprising investors. Discover the real story behind its comeback, ESOP controversy, and what it means for shareholders.(Image Source- Instagram)
Paytm का विवादित सफर
Paytm का कमबैक होने वाला है। यह न्यूज़ आपने भी सुनी होगी। हां, वही Paytm जिसने इन्वेस्टर्स का पैसा लिस्टिंग डे के दिन ही 27% डूबा दिया था। वो Paytm क्या अब कमबैक करने जा रहा है या फिर जो भी न्यूज़ वीडियोस आप देख रहे हैं या फिर कंपनी के फाउंडर रियलिटी शो में आप देख रहे हैं। क्या यह महज प्यार है?
पहली बार प्रॉफिट की खबर
इनफैक्ट मैंने भी जब यह न्यूज़ सुनी कि Paytm ने फर्स्ट टाइम एवर प्रॉफिट बुक किया है तो मैं और हमारी टीम काफी शॉक में थे। क्योंकि यह वही कंपनी है जिसने पिछले 10 सालों में ₹1 का भी प्रॉफिट नहीं कमाया है।
रिसर्च की शुरुआत
जो हर साल हजारों करोड़ों के लॉसेस में है वह अचानक से प्रॉफिट में कैसे आई? यह सवाल हमारे मन में था और फिर सच्चाई जानने के लिए हमने शुरू कर दी रिसर्च। एंड वी फाउंड समथिंग। यस वी फाउंड समथिंग जिसकी बात करना आज बहुत ज्यादा जरूरी है।
न्यूज़ और यूट्यूब वीडियोस में दावे
कुछ YouTube वीडियोस भी देखे जिसमें मल्टीपल रीज़ंस देखे गए। किसी ने कहा कि Paytm ने इस चीज पर फोकस किया। किसी ने कहा उस चीज पर किया। तो किसी ने ऑप्टिमाइजेशन और एफिशिएंसी जैसे बड़े-बड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।
असली कारण की खोज
तो उसके लिए मैंने इसी क्वार्टर की फाइनेंसियल रिपोर्ट निकाली और देखना शुरू किया कि क्या रेवेन्यू बढ़ा है इसलिए प्रॉफिट बना है या एक्सपेंसेस कम हुए तब प्रॉफिट बना है।
रेवेन्यू एनालिसिस
लास्ट क्वार्टर वो था 191 करोड़ का और इस क्वार्टर में वो था 197 करोड़ का। यानी ग्रोथ बिल्कुल फ्लैट है। तो एक चीज तो क्लियर रिवेन्यू बढ़ने से प्रॉफिट नहीं बढ़ा है।
खर्चों में कटौती
चलिए एक्सपेंसेस पर नजर डालिए और तब मुझे दो एक्सपेंसेस में मुझे ड्रॉप दिखाई दिया। पहला था मार्केटिंग एक्सपेंस। मार्केटिंग एक्सपेंस की बात करें तो वह लास्ट क्वार्टर 142 करोड़ का था और इस क्वार्टर में वह घट कर आया 99 करोड़ पर और दूसरा था एंप्लई एक्सपेंसेस जो लास्ट क्वार्टर में 748 करोड़ के थे वो घटकर हो गए हैं 642 करोड़ पर यानी कि अच्छा खासा 100 करोड़ का ड्रॉप यहां पर देखने मिला और यही कारण था कि Paytm ने पहली बार हिस्ट्री में 119 करोड़ का प्रॉफिट बुक किया। अब मैंने सोचा कि यह तो ओपन एंड शर्ट केस है क्योंकि लास्ट ईयर ही बहुत सारी न्यूज़ आई थी Paytm की कि Paytm ने बहुत बड़े-बड़े ले ऑफ किए हैं।
Paytm Layoffs का असर
जुलाई 2024 में उन्होंने ₹3500 एंप्लाइजस को ले ऑफ कर दिया है और रिसेंटली भी उन्होंने अपना हेड काउंट ₹4500 से कम किया है और इसका नतीजा यह था कि कंपनी ने ₹640 करोड़ बचा लिए। तो मैंने सोचा कि सही है मार्केटिंग एक्सपेंस कम कर दिए, एंप्लई एक्सपेंसेस कम कर दिए।
एक्सेप्शनल आइटम का राज़
मेरी नजर जाती है मार्च क्वार्टर के एक्सेप्शनल आइटम पर जिसकी अमाउंट मुझे दिखी 522 करोड़ की और फिर मैंने जानने की कोशिश की कि यह इतनी बड़ी अमाउंट कहां से आई। यह कोई नॉर्मल एंट्री तो नहीं लग रही है। मुझे खुद यह समझने में आधे घंटे से ज्यादा टाइम लग गया कि एक्जेक्टली यह एंट्री किस चीज की है। जब मुझे उसका रीज़न पता चला तो मैं खुद शॉक में था कि इतनी बड़ी कंपनी का मैनेजमेंट ऐसा कैसे कर सकता है जो कंपनी सेबी के रडार पर है और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड भी है। तो यह अमाउंट एक्जेक्टली क्या है? इसके पीछे एक बहुत इंटरेस्टिंग स्टोरी है।
Vijay Shekhar Sharma और ESOP विवाद
देखिए स्टोरी की शुरुआत होती है 2022 में जस्ट बिफोर आईपीओ कंपनी के एमडी और सीईओ मिस्टर विजय शेखर शर्मा को 2.1 करोड़ शेयर्स ईसॉप के तौर पर दे दिए। ESOS यानी एंप्लई स्टॉक ऑप्शन। यह जो eसॉप थे ये जो शेयर्स थे यह कंपनी को एमडी को यानी मिस्टर विजय शेखर शर्मा को देने थे। प्रोवाइडेड कि वो सर्टेन टारगेट्स को अचीव करें। यानी कि मिस्टर विजय शेखर शर्मा कोई पर्टिकुलर टारगेट पूरा करेंगे तो उन्हें वो शेयर्स मिलेंगे। लेकिन जैसे ही यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो गई तो उसके बाद कंपनी के ऊपर सेबी के नए रूल्स लग गए। अब सेबी का रूल यह कहता है कि ईस ऑफ कंपनसेशन कंपनी के प्रमोटर्स को नहीं दिया जा सकता। अब इसके बाद कुछ इंटरेस्टिंग होता है। मिस्टर शर्मा अपना पूरा स्टेक फैमिली ट्रस्ट को ट्रांसफर करते हैं और अपने आप को कंपनी का नॉन प्रमोटर घोषित करते हैं ताकि शायद वो ईसॉप के लिए एलिजिबल हो जाए और फिर नॉन प्रमोटर होने के चलते उन्हें वो ईसॉप मिलने लगे। क्योंकि सेबी की कंडीशन तो फुलफिल हो गई और इसी की एंट्री प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में अंडर एंप्लई एक्सपेंसेस होती चली गई। अब अगला 1 मिनट मैं आपको यह पूरी प्रोसेस थोड़ा बैलेंस शीट के एंगल से टेक्निकल एंगल से बताता हूं। थोड़ा नहीं समझे तो आप स्किप भी कर सकते हैं इस पार्ट को। बहुत क्विकली समझाता हूं। देखिए जनरली क्या होता है कि जब ईसॉप आपके अप्रूव हो जाते हैं तो वो कंपनी के बैलेंस शीट के रिजर्व से ईसॉप रिजर्व में चले जाते हैं। और जो ईसॉप रिजर्व होता है ये लायबिलिटी साइड में आता है बैलेंस शीट के। और धीरे-धीरे जैसे फिर टारगेट कंप्लीट होगा और ईशॉप बांटे जाएंगे वैसे-वैसे यह एक्सपेंस बुक किया जाएगा आपके प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में एज एंप्लई एक्सपेंसेस। अब यह ईशॉप पाने के लिए मिस्टर विजय शेखर शर्मा के टारगेट क्या थे? इसकी इंफॉर्मेशन तो हमें ढूंढने से भी नहीं मिली। बट ओवर द इयर्स एक चीज तो हमने देखी कि कंपनी लगातार लॉसेस में ही रहे। लेकिन सवाल यह भी है कि कितने रुपए के ईसप्स मिस्टर विजय शेखर शर्मा को बांटे गए। तो अगर आप इन ईसॉप की वैल्यू जानेंगे तो आप चकरा जाएंगे। तो जैसे कि आप यहां पर रेफरेंस नोट 4 में देख सकते हो वो जो अमाउंट थी वो थी ₹492 करोड़ की। यस ₹492 करोड़ की अमाउंट एज एन ई शॉप मिस्टर विजय शेखर शर्मा को चली गई। इनफैक्ट यह चीज सेबी की भी नजर में आई जिसके चलते उन्होंने 2023-224 में इस ईसॉप पर सवाल भी उठाए और एक शो कॉज नोटिस भी इशू किया। जिस पर मिस्टर शर्मा ने सेबी के सामने विदाउट एडमिटिंग द गिल्ट यानी बिना गलती माने सेटलमेंट करने की अपील की। वह पेंडिंग ही था।
ESOS रिवर्सल और सेबी सेटलमेंट
अप्रैल 2025 में मिस्टर शर्मा ने अपने कुछ ईसोप्स वह वॉलंटरीली गिव अप कर दिए और इसी की एंट्री आपको एक्सेप्शनल आइटम में मिलती है। जो 522 करोड़ का जो एक्सेप्शनल आइटम था उसमें से 492 करोड़ जो है वो eसॉप की रिवर्स एंट्री थी। यानी कि उतनी अमाउंट के जो शेयर्स हैं ईसॉप है उन्होंने वो कंपनी को वापस कर दिए। लेकिन कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती है।
अजय शेखर शर्मा का रोल
अजय शर्मा को भी ESOS अलॉट हुए और उन्होंने 35 लाख के शेयर्स बेच भी दिए। इसके बाद विजय और अजय – दोनों भाइयों ने मिलकर सेबी को 2.9 करोड़ का फाइन भरा।
असली सवाल
तो सवाल यह है कि ये ऐसे कौन से टारगेट्स थे जिनके चलते कंपनी लॉस में चल रही थी, लेकिन सीईओ और उनके भाई पैसा कमा रहे थे। पिछले 4 सालों में कंपनी को 6257 करोड़ का लॉस हुआ, जिसमें 4000 करोड़ सिर्फ ईसॉप से जुड़ा है।
क्या Paytm का प्रॉफिट टिकेगा?
इन शॉर्ट इस क्वार्टर में कंपनी प्रॉफिट में आ गई। उसका बड़ा कारण यह है कि इस क्वार्टर में ईसप नहीं बांटे गए। अगर बांटे जाते तो अगेन यह कंपनी लॉस में चली जाती।
मैनेजमेंट का असली इरादा
अब ये सारी वो चीजें होती है जिससे हमें कंपनी के मैनेजमेंट का इंटेंट पता चलता है। कंपनी भले ही लॉस में हो लेकिन बड़ी मात्रा में ईसोप्स बांटे गए।
निवेशकों के लिए सबक
और इसलिए मैं हमेशा से कहता हूं कि कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस हमेशा ढंग से करें। सिर्फ किसी सीईओ के शो पर आने या बातें अच्छी लगने का मतलब यह नहीं कि उसमें निवेश कर दें।
निष्कर्ष
एनीवेज चलते हैं मिलते हैं अगले ब्लॉग में और जाते-जाते Clear Tax को भी जरूर चेक आउट कीजिए।