Billionaire Mukesh Ambani: दौलत के बटवारे का पूरा प्लान, भाई अनिल के साथ लड़ाई नहीं दोहराएंगे

मुकेश अंबानी का अरबों का साम्राज्य और बंटवारे की तैयारी
धीरूभाई के बाद का विवाद
धीरूभाई अंबानी के बेटे मुकेश और अनिल एक दूसरे से बहुत करीब थे, खैर ऐसा धीरूभाई समझते थे। इसीलिए उन्होंने कभी वसीयत नहीं लिखी। पर 2002 में उनके देहांत के बाद दोनों लड़के अपने पिता के साम्राज्य पर लड़ने लगे। आखिरकार उनकी मां कोकिला बहन थी, जिसने कुछ बुजुर्गों की मदद से दोनों झगड़ते भाइयों के बीच समझौता करवाई। उनके बीच की दरार इतनी कड़वी बन चुकी थी कि दोनों जो कभी करीब हुआ करते थे, बहुत सालों तक एक-दूसरे से बात तक नहीं की।
मुकेश अंबानी की तैयारी
अब मुकेश उस मकाम पर पहुंचे जिस पर कभी उनके पिता थे और वह उनकी गलती अपने तीन बच्चे आकाश, ईशा और अनंत के साथ दोहराना नहीं चाहते। इसीलिए वह अपने 220 बिलियन डॉलर के साम्राज्य को खुद अपने जीते जी बांटना चाहते हैं। एक बंटवारा जिसकी जरूरत शायद और लगी क्योंकि सुनने में आया कि मुकेश कोई लीवर से संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण वह अपना काफी समय लंदन में हाल ही में खरीदे बंगले में गुजार रहे हैं।
वैसे मुकेश ने जो कारोबार खड़ा किया है, वह इतना बड़ा है कि उन्हें कम से कम एक दर्जन बच्चों की जरूरत पड़ेगी उसे संभालने के लिए, लेकिन भगवान ने उन्हें सिर्फ तीन दिए हैं। तो उन्होंने अपना व्यापार भी तीन हिस्सों में बांटा है – एनर्जी ऑयल टू केमिकल्स (O2C), रिटेल यानी जियोमार्ट और टेलीकॉम (Jio)।
आकाश अंबानी – जियो के वारिस
32 साल के आकाश अंबानी टेलीकॉम कारोबार के उत्तराधिकारी निर्धार हैं, क्योंकि वह इस कारोबार में 2016 के जियो लॉन्च के पहले से ही शामिल हैं। 22 साल की नाजुक उम्र में ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई और वह उम्मीदों पर खरे उतरे जब उन्होंने Jio 4G और Jio Platforms के विस्तार में अहम भूमिका निभाई।
ईशा अंबानी – रिटेल की महारानी
आकाश की जुड़वां बहन ईशा अंबानी भी अमेरिका के येल और स्टैनफोर्ड से पढ़ी-लिखी हैं। वह इकलौती अंबानी संतान हैं जिन्होंने पढ़ाई के बाद अमेरिका में कुछ वक्त तक नौकरी भी की। ईशा 2014 से ही रिलायंस रिटेल के ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑपरेशन संभाल रही हैं।
2016 में Lakmé Fashion Week में “Ajio” फैशन स्टोर लॉन्च किया जिसमें 2000 से ज्यादा ब्रांड मौजूद हैं। आज वह Nykaa और Tata Cliq को चुनौती दे रही हैं अपने खुद के ब्रांड “Tira” लॉन्च करके।
अनंत अंबानी – प्रकृति प्रेमी और नया चेहरा
तीनों में सबसे छोटे अनंत जरा अनोखे से हैं। वह व्यापार से ज्यादा प्रकृति और जंगली जानवरों के प्रेमी हैं। अपने नई मुंबई वाले मकान में उन्होंने एक एनिमल हाउस बनाया है जिसमें दुर्लभ जानवर कैद हैं।
अत्यंत धार्मिक अनंत अपने वजन को लेकर ट्रोल्स के निशाने पर भी रहे। उनका वजन 200 किलो तक पहुंच गया था, जो अस्थमा की दवाइयों के कारण बढ़ा। मां नीता अंबानी ने उन्हें लॉस एंजेलिस के एक स्पेशलिटी ओबेसिटी अस्पताल में दाखिल करवाया और अनंत के वजन घटाने के सफर में उनका साथ दिया।
सिर्फ 18 महीनों में अनंत ने 108 किलो घटाया, ठीक अपने 21वें जन्मदिन के पहले। इस तरह वह प्रेरणा बने उन्हीं लोगों के लिए जो कभी उनका मजाक उड़ाते थे। आज अनंत जामनगर रिफाइनरी में काफी वक्त बिताते हैं और धीरे-धीरे बिजनेस की जिम्मेदारियां उठा रहे हैं।
नीता अंबानी की भूमिका
नीता अंबानी अपने बेटे आकाश के साथ मिलकर मुंबई इंडियंस (IPL टीम) संभालती हैं जो पांच बार की चैंपियन रह चुकी है। इसी तरह समय आने पर बाकी बिजनेस भी तीनों बच्चों में बंट जाएंगे।
अंबानी परिवार और वंश परंपरा
अंबानी परिवार एक संस्कारी गुजराती मारवाड़ी परिवार है जहां मेहनत और परिश्रम जैसे गुण बच्चों में डाले गए हैं। हां, एक मात्र धब्बा अगर उसे कहा जा सके तो यह है कि 10 साल पहले कथित तौर पर आकाश द्वारा चलाई गई Aston Martin गाड़ी देर रात हादसे में शामिल हुई थी। लेकिन मामला नई कारों में बदलकर दबा दिया गया था।
तीसरी पीढ़ी का इम्तिहान
हमने अक्सर वंश को गिरते देखा है। इतिहासकार इब्ने खालिद की कहानी याद आती है –
- पहली पीढ़ी लड़ाई जीतकर सल्तनत बनाती है,
- दूसरी पीढ़ी उसका इंतजाम करती है,
- तीसरी पीढ़ी ऐशो-आराम में खर्च करती है और
- चौथी पीढ़ी तक आते-आते सब कुछ खत्म हो जाता है।
इसी सच को ध्यान में रखते हुए भारत के बड़े कॉर्पोरेट घराने पहले से ही उत्तराधिकार की सीढ़ियां तैयार कर रहे हैं।
दूसरे उद्योगपति परिवारों से तुलना
- पीरामल ग्रुप ने फार्मा और फाइनेंस को अलग करके अगली पीढ़ी में बांट दिया।
- दूरदर्शी ओ.पी. जिंदल ने अपनी कंपनी पहले ही चार बेटों में बांट दी थी।
- गोदरेज ग्रुप ने भी कुलपति अदि गोदरेज ने जीते जी विरासत बांट दी।
- ब्रिटेन का सबसे अमीर हिंदुजा ग्रुप चार भाइयों में बंटवारे की बहस में फंस चुका है।
ट्रस्ट मॉडल और भविष्य की राह
आजकल कई बड़े उद्योगपति अपनी संपत्ति को ट्रस्ट मॉडल में डाल रहे हैं ताकि तलाक, कर्ज या विवाद से बचा जा सके। मुकेश अंबानी भी यही कर रहे हैं।
- Jio Financial Services को हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग कर लिस्ट किया गया।
- बिजनेस का संचालन अब प्रोफेशनल मैनेजरों के हाथों में सौंपा जा रहा है।
- आकाश जब जियो के चेयरमैन बने, तो उनके साथ 12 साल के अनुभवी पंकज मोहन पवार को मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय मिसाल – वॉलमार्ट
अमेरिका में वॉलमार्ट संस्थापक सैम वॉल्टन ने अपनी हिस्सेदारी मरने के 40 साल पहले ही चार बच्चों में बांट दी थी। कंपनी प्रोफेशनल्स चलाते हैं और इसी वजह से उनकी कुल संपत्ति आज एलन मस्क से भी ज्यादा है।
परिवर्तन के साथ निरंतरता ही सफल संगठनों की पहचान है।
सवाल है – अरबों-करोड़ों का साम्राज्य कैसे बटेगा?
मुकेश अंबानी वही काम कर रहे हैं जब तक जिगर में ताकत है, वरना इतिहास दोहराएगा और भाइयों को दुश्मन बना देगा।