श्रीनगर एयरपोर्ट पर आर्मी ऑफिसर ने स्पाइसजेट कर्मचारियों से की मारपीट, चार घायल।

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Shrinagar Airport Army Officer Fight Between Flight Staff

ब्लॉग कंटेंट:

श्रीनगर, 3 अगस्त 2025:
26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां एक आर्मी ऑफिसर ने स्पाइसजेट एयरलाइंस के चार कर्मचारियों के साथ बुरी तरह मारपीट की। यह मामला अब सामने आया है और आरोपित अधिकारी का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह बताया गया है, जो फिलहाल गुलमर्ग स्थित हाई एल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल (HAWS) में तैनात हैं।

क्या हुआ था झगड़े का कारण?

स्पाइसजेट की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब आर्मी ऑफिसर को ज्यादा वजन वाले सामान के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देने को कहा गया।
अधिकारी के पास दो कैबिन बैग थे जिनका कुल वजन 16 किलो था, जबकि नियम के अनुसार केवल 7 किलो तक की कैबिन बैगेज की अनुमति होती है। जब एयरलाइंस स्टाफ ने अतिरिक्त भुगतान के लिए कहा, तो अधिकारी गुस्सा हो गए और बिना बोर्डिंग पूरी किए जबरन एयरोब्रिज में घुस गए। यह एयरपोर्ट की सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है।

सीसीटीवी में कैद हुई हिंसा

एयरलाइंस के मुताबिक, अधिकारी ने बोर्डिंग एरिया में रखे मेटल स्टैंड से कर्मचारियों पर हमला किया।

  • एक कर्मचारी को रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ,
  • दूसरे की जबड़ा टूट गया,
  • तीसरे की नाक से खून बहने लगा,
  • चौथा कर्मचारी बेहोश हो गया, लेकिन फिर भी उसे लात मारी गई।

जो कर्मचारी अपने बेहोश साथी की मदद करने झुका, उसे मुंह पर लात मारी गई जिससे उसके जबड़े और नाक पर गंभीर चोट आई।

Credit to Punekar News:

पुलिस ने FIR दर्ज की, Indian Army ने लिया संज्ञान।

इस घटना के बाद पुलिस ने आर्मी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भारतीय सेना ने भी इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्पाइसजेट की अपील।

स्पाइसजेट ने अपने बयान में कहा है कि उनके कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसी हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एयरलाइंस ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है।निष्कर्ष:
एक छोटे से सामान विवाद ने गंभीर हिंसा का रूप ले लिया, जिससे चार लोग घायल हो गए। यह घटना दिखाती है कि नियमों का पालन और धैर्य कितना ज़रूरी है, चाहे कोई आम नागरिक हो या अधिकारी। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि सेना और प्रशासन इस मामले में कितना सख्त कदम उठाते।

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