ओवल टेस्ट में सिराज चमके, पर असली हीरो थे रवींद्र जडेजा।

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India vs England Final Match

ओवल टेस्ट में सिराजगिल की चर्चा, पर जडेजा को क्यों भुला रहे हैं हम?

ओवल टेस्ट में जीत के बाद मोहम्मद सिराज की काफी चर्चा हो रही है। कप्तान शुभमन गिल की भी काफी चर्चा हो रही है और होनी भी चाहिए क्योंकि उन लोगों का प्रदर्शन इतना बेहतरीन रहा है पूरे सीरीज में। थ्रूआउट द सीरीज दोनों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और लगातार उनकी चर्चा हो रही है।

लेकिन इस बीच हम एक प्लेयर को इस मैच में जो भूल जा रहे हैं ना, उस प्लेयर का नाम है Ravindra Jadeja, जिन्होंने पूरी सीरीज में जिस तरीके का प्रदर्शन किया है खासकर बल्ले से, अक्सर आप ऐसा नहीं देखते हो।

रवींद्र जडेजा को लेकर काफी शिकायतें थीं, हम लोगों की भी शिकायतें थी। इस सीरीज का जब पहला टेस्ट मैच हुआ था और उसके बाद भी हम लोगों ने ये चीज कही थी कि यहां पे रवींद्र जडेजा का टीम में क्या रोल है, ये सवाल लगातार उठ रहे थे उनके ऊपर। लेकिन उन्होंने जिस तरीके का जवाब दिया है, जो भी उनको ट्रोल करने वाले थे, उनका उन्होंने जिन तरीके से जवाब दिया है, वह वाकई में काबिले तारीफ रही है।

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अब जरा स्टैट्स भी जान लीजिए

मैं सबसे पहले शुरुआत करूंगा एवरेज से। अगर आप एवरेज की बात करें तो रविंद्र जडेजा का एवरेज इस सीरीज में बैटिंग में सबसे ज्यादा है — 86 का एवरेज है। मतलब जिन प्लेयर ने पांचों मैच खेले हो।

और 86 के एवरेज से उन्होंने रन बनाए हैं और टोटल 516 रन बनाए हैं।

उनके अलावा जो 500 से ज्यादा बनाने वाले प्लेयर हैं उनमें —

  • जो रूट
  • शुभमन गिल
  • के एल राहुल

जो बड़े नाम हैं, जो स्पेशलिस्ट बैट्समैन हैं, उनका नाम आता है। और आपको ऑलराउंडर्स किस तरीके से मैच जिताते हैं, वो हमने देखा हुआ है।

ऑलराउंडर: लांस क्लूजनर से जडेजा तक

1999 का वर्ल्ड कप — ठीक है साउथ अफ्रीका की टीम जीत नहीं पाई थी, हम लोग बहुत छोटे थे, हमें याद भी नहीं है वो। चर्चा सुनते हैं कि एक ऑलराउंडर कैसे गेम बदलता था। नाम आता है लांस क्लूजनर का।

2005 में हमने एंड्रू फ्लिंटॉफ का प्रदर्शन देखा था। लेकिन यहां हमें अपनी टीम से एक ऐसा प्लेयर देखने को मिला है — रविंद्र जडेजा।

इनिंगबायइनिंग: कैसे चमकते गए जडेजा

आपने बताया कि इन्होंने 516 रन बनाए। लेकिन एक बार जरा इनिंग्स में भी बताइए कि किस तरीके से उनकी शुरुआत रही थी और बाद में उन्होंने कैसे पेस अप किया।

सबसे अच्छी बात क्या रही है रवि की — पूरी अगर आप देखो ना, एक मैच सिर्फ जो ओवल टेस्ट था, ये एकमात्र मैच था जिसकी सेकंड इनिंग में जडेजा आउट हुए।

बाकी चार मैचेस के सेकंड इनिंग में तो वो आउट भी नहीं हुए।

अगर आप रन की बात करूं इनिंग वाइज़ —

  • पहले टेस्ट में 11 रन बनाए
  • फिर 25 रन, नॉट आउट
  • फिर एजबेस्टन टेस्ट — पहले में 89 रन और दूसरे में 69 रन नॉट आउट
  • लॉर्ड्स टेस्ट — 112 पे आठ आउट थे रवि, और टीम को 193 के टारगेट तक खींचा
  • मैनचेस्टर — 107 नाबाद रन और वाशिंगटन सुंदर के साथ मैच बचाया

जडेजा ने दिखाया क्लास

107 रन सिर्फ रन नहीं थे, मैच बचाने वाले रन थे। अगर वो नहीं होते तो शायद हम लोग वो मैच गवा चुके होते।

फील्डिंग, स्मार्टनेस और तेज सोच

एक किस्सा याद आता है — जब जडेजा ने एक खेल का सेशन खत्म होने से पहले इतनी तेजी से ओवर फेंका कि सुंदर को एक्स्ट्रा ओवर मिल गया, और उसी में विकेट गिर गया।

यह दिखाता है कि जडेजा सिर्फ खिलाड़ी नहीं, मैच रीडर हैं

क्या ये आखिरी सीरीज थी? शायद नहीं!

जडेजा को लेकर ये चर्चा थी कि शायद यह उनकी आखिरी टेस्ट सीरीज हो। लेकिन इस सीरीज ने दिखा दिया है कि वो अभी भी बचे हुए हैं, और बहुत कुछ देने को तैयार हैं

नतीजा: इस सीरीज की आत्मा हैं जडेजा

इस पूरी सीरीज को यह याद रखा जाएगा कि जडेजा ने बल्ले से कैसे पूरे गेम को चेंज किया
टीम इंडिया जो आज 2-2 से बराबर है, उसमें जडेजा का कितना बड़ा योगदान रहा, यह बहुत लंबे समय तक याद रखा जाएगा

आखिर में

हमारे मम्मी-पापा और दादा-दादी सुनाते थे किस्से पुराने प्लेयर्स के — अब हमारी जनरेशन भी यह वाली सीरीज और उसमें जडेजा के प्रदर्शन के किस्से सुनाएगी।

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